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आजकल की बदलती जीवनशैली, गलत खानपान और बढ़ते मोटापे के कारण फैटी लिवर की बीमारी तेज़ी से बढ़ रही है। पहले यह समस्या शराब पीने वालों में देखी जाती थी। लेकिन अब यह आम लोगों में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) के रूप में फैल रही है।
फैटी लिवर का मतलब है लिवर में वसा या फैट की मात्रा का बढ़ना। इससे लिवर की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है और गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। हालाँकि, कई लोग सोचते हैं कि क्या घर पर फैटी लिवर की पहचान की जा सकती है? इसका जवाब जाने-माने लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. के. सरीन ने दिया है। उन्होंने कुछ आसान तरीके बताए हैं। जिनकी मदद से आप घर पर ही शुरुआती लक्षणों से अनुमान लगा सकते हैं।
डॉ. सरीन के अनुसार, अगर पुरुषों की कमर 90 सेमी से ज़्यादा और महिलाओं की 80 सेमी से ज़्यादा है, तो फैटी लिवर का ख़तरा बढ़ जाता है। पेट के आसपास ज़्यादा चर्बी जमा होना लिवर के लिए हानिकारक होता है। इसी तरह, बहुत थकान महसूस होना, पेट के ऊपरी हिस्से में भारीपन या चक्कर आना भी लिवर के ठीक से काम न करने के संकेत हो सकते हैं। अगर लिवर कमज़ोर है, तो भूख न लगना, अपच या खाने के बाद पेट फूलना जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
अगर त्वचा और आँखें पीली दिखने लगें, तो यह लिवर में सूजन या सिरोसिस का संकेत है। क्योंकि ऐसी स्थिति में शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें। डॉक्टर से सलाह लें और लिवर एंजाइम टेस्ट जैसे SGPT और SGOT या अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाएँ। इससे पता चल सकता है कि लिवर में चर्बी जमा है या नहीं।
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